बादल फटने से 7 घर हुए जमींदोज। जिसमें 7 लोग हुए घायल । और 8 लोग हुए लापता।  

DevbumidigitalNews Uttarakhand Pithoragarh Report News Desk 

पिथौरागढ़ – मानसून आते ही पहाड़ों में तबाही भी साथ आती है। बरसात के साथ साथ पहाड़ों में खतरों का भय भी बना रहता है। लगातार पहाड़ों में हो रही बारिश ने तबाही मचा दी है। कहीं भूस्खलन तो कहीं मालवा आ जाता है तो नहीं बाढ़, कहीं बादल फटने जाते हैं।

ऐसा ही मामला पिथौरागढ़ जिले केधारचूला के जुम्मा गाँव में हुआ है जहां बा दल फट गया। और बादल फटने से इलाके में तबाही मच गई है। बादल फटने से 7 घर जमींदोज हो गए है। जिसमें 7 लोग घायल हो गए है और 8 लोग लापता हुए है। जिसके बाद रेस्क्यू अभियान जोरों पर है।एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसएसबी और प्रशासन के साथ ही स्थानीय लोग भी लगातार रेस्क्यू में जुड़े हुए है। घटना में घायल 7 लोगों में से 3 बच्चों समेत 5 लोगों के शव मलबे से बरामद कर लिए गए हैं। वहीं अभी दो लोगों की तलाश जारी है।


वहीं इलाके में हुई भारी बारिश से सारी सड़कें बुरी तरह से ध्वस्त हो गई है जिसके चलते राहत और बचाव कर्मियों को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कतें पैदा हो रही है। 

 जिलाधिकारी आशीष चौहान भी घटनास्थल मौजूद है और आपदा राहत कार्यों की कमान संभा रहे है। वहीं घटना में घायल 3 लोगों को धारचूला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया।  जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। धारचूला में बादल फटने के बाद मची तबाही के निशान लोगों को अब भी रह-रहकर डरा रहे हैं।

वही धारचूला से सटे नेपाल के श्री बगड़ इलाके में भी बीती रात बादल फटा है। जिसके चलते हैं नेपाल में भी 15 से 20 लोगों के लापता होने की खबर है। नेपाल क्षेत्र से आए मलबे और पानी से धारचूला के तपोवन में बने एनएचपीसी कॉलोनी में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है। नदी का मलबा और पानी कॉलोनी के घरों में घुस गया है जिससे कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई है। प्रशासन द्वारा इलाके में रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया है। धारचूला के तपोवन में काली नदी में झील भी बन गई है जिसकी वजह से धारचूला कस्बे को खतरा पैदा हो गया है। 

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पिथौरागढ़ – मानसून आते ही पहाड़ों में तबाही भी साथ आती है। बरसात के साथ साथ पहाड़ों में खतरों का भय भी बना रहता है। लगातार पहाड़ों में हो रही बारिश ने तबाही मचा दी है। कहीं भूस्खलन तो कहीं मालवा आ जाता है तो नहीं बाढ़, कहीं बादल फटने जाते हैं।

ऐसा ही मामला पिथौरागढ़ जिले केधारचूला के जुम्मा गाँव में हुआ है जहां बा दल फट गया। और बादल फटने से इलाके में तबाही मच गई है। बादल फटने से 7 घर जमींदोज हो गए है। जिसमें 7 लोग घायल हो गए है और 8 लोग लापता हुए है। जिसके बाद रेस्क्यू अभियान जोरों पर है।एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसएसबी और प्रशासन के साथ ही स्थानीय लोग भी लगातार रेस्क्यू में जुड़े हुए है। घटना में घायल 7 लोगों में से 3 बच्चों समेत 5 लोगों के शव मलबे से बरामद कर लिए गए हैं। वहीं अभी दो लोगों की तलाश जारी है।


वहीं इलाके में हुई भारी बारिश से सारी सड़कें बुरी तरह से ध्वस्त हो गई है जिसके चलते राहत और बचाव कर्मियों को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कतें पैदा हो रही है। 

 जिलाधिकारी आशीष चौहान भी घटनास्थल मौजूद है और आपदा राहत कार्यों की कमान संभा रहे है। वहीं घटना में घायल 3 लोगों को धारचूला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया।  जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। धारचूला में बादल फटने के बाद मची तबाही के निशान लोगों को अब भी रह-रहकर डरा रहे हैं।

वही धारचूला से सटे नेपाल के श्री बगड़ इलाके में भी बीती रात बादल फटा है। जिसके चलते हैं नेपाल में भी 15 से 20 लोगों के लापता होने की खबर है। नेपाल क्षेत्र से आए मलबे और पानी से धारचूला के तपोवन में बने एनएचपीसी कॉलोनी में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है। नदी का मलबा और पानी कॉलोनी के घरों में घुस गया है जिससे कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई है। प्रशासन द्वारा इलाके में रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया है। धारचूला के तपोवन में काली नदी में झील भी बन गई है जिसकी वजह से धारचूला कस्बे को खतरा पैदा हो गया है। 

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