निर्मल अखाड़े में हुआ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद नवनियुक्त अध्यक्ष का स्वागत।

DevbumidigitalNews Uttarakhand Haridwar Report News Desk
हरिद्वार –  प्रयागराज में 25 अक्टूबर को अखाड़ा परिषद के महामंत्री स्वामी हरिगिरि महाराज द्वारा प्रयागराज में बुलाई गई बैठक से पहले हरिद्वार में वैष्णवी और उदासीन संप्रदाय के सात अखाड़ो द्वारा घोषित किए गए अखिल भारतीय अखाड़ा के नए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री बनाए जाने संत लगातार नए पदाधिकारियों का  स्वागत बड़े जोरों से कर रहे हैं रविवार को भी निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष स्वामी ज्ञानदेव महाराज ने नए पदाधिकारियों का फूल मालाओं के साथ सम्मान किया है।
रविवार को हरिद्वार के कनखल स्थित निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष स्वामी ज्ञानदेव महाराज की उपस्थति में भारी संख्या में सातों अखाड़ो के साधु-संतों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नवनियुक्त अध्यक्ष महानिर्वाणी अखाड़े के रविंद्र पुरी महाराज, उपाध्यक्ष स्वामी दामोदर दास महाराज, महामंत्री स्वामी राजेंद्र दास महाराज सहित पूरी कार्यकारिणी का फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया और शॉल भेट कर सम्मान किया।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में दो फाड़ हो गया है। बीती 21 अक्टूबर को हरिद्वार में 13 अखाड़ों मे से सात अखाड़ों के साधु-संत पदाधिकारियों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष की घोषणा के साथ सम्पूर्ण नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी थी। अध्यक्ष पद पर महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रविन्द्र पूरी और नई कार्यकारिणी में दामोदर दास महाराज को उपाध्यक्ष, निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास महाराज को महामंत्री, जसविंदर सिंह शास्त्री को कोषाध्यक्ष, राम किशोर दास महाराज को मंत्री, गौरीशंकर दास महाराज को प्रवक्ता और धर्मदास महाराज और महेश्वर दास महाराज को संरक्षक बनाया गया है। वहीं अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि महाराज ने इस बैठक और नई कार्यकारिणी को नियमों के विरुद्ध बताते हुए 25 अक्टूबर को सभी अखाड़ों का अपना मत रखने की बात कही है।
स्वागत व सम्मान समारोह में शिरकत करने पहुंचे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नवनियुक्त अध्यक्ष महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि निर्मल अखाड़े में आज निर्मल अखाड़े के पदाधिकारियों साधु-संतों द्वारा और अखिल भारतीय संत समिति के पदधिकारियो द्वारा हमें आशीर्वाद तथा समर्थन दिया गया उसके लिए सभी साधु-संतों का आभार प्रकट करता हूं।
25 अक्टूबर कल प्रयागराज में होने वाली बैठक पर बोलते हुए रविंद्र पुरी महाराज का कहना है कि सभी को अपना मत रखने का अधिकार है, प्रयागराज में बुलाई गई बैठक औचित्यहीन है जहां तक अखाड़ा परिषद के चुनाव की बात है। पूर्व में जो प्रक्रिया अपना कर अखाड़ा परिषद का चुनाव होता आया है। उसी प्रक्रिया में इस बार भी अखाड़ा परिषद का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से हो चुका है। मुझे उम्मीद है कि अभी तेरह अखाड़ा भविष्य में एक साथ बैठेंगे। इस दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी ने धर्म और संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने वाले फर्जी साधुओं पर भी आगामी दिनो में कार्ययोजना बना कर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।
इस दौरान निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष स्वामी ज्ञानदेव महाराज ने कहा कि निर्मल अखाड़ा और अखिल भारतीय संत समिति के पदाधिकारी साधु-संतों के द्वारा नवनियुक्त अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष उपाध्यक्ष महामंत्री और पूरी कार्यकारिणी का हमारे द्वारा आज स्वागत अभिनंदन समर्थन किया गया है।

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