जिलाधिकारी के नाम से छुट्टी का फर्जी आदेश, DM ने एसएसपी को दिए जांच के आदेश
नैनीताल : जनपद में जिलाधिकारी के नाम से छुट्टी का फर्जी लेटर सोशल मीडिया में वायरल करने के मामले में डीएम ने सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं उपरोक्त विषय के सम्बन्ध में आज दिनांक 29.07.2022 को कतिपय शरारती तत्वों द्वारा सोशल मीडिया / वाट्एप पर वायरल किये गये संदेश (संलग्न) के माध्यम से भ्रामक सूचना प्रसारित करते हुए आम जन को अनावश्यक परेशानियों में डाला गया। जिला प्रशासन, नैनीताल द्वारा आज विद्यालयों में किसी प्रकार के अवकाश के आदेश नहीं पारित किये गये परन्तु इस कार्यालय के पूर्व के पत्र में छेड़छाड़ करते हुए एक भ्रामक संदेश तैयार कर उक्त कृत को अंजाम दिया गया है, जोकि पूर्णतः गलत है। इससे जिला प्रशासन की छवि खराब करने का भी प्रयास किया गया है। भविष्य में भी ऐसे शरारती एवं अवाक्षनीय तत्वों द्वारा किसी प्रकार के भ्रामक संदेश प्रसारित कर राजकीय कार्यों में बाधा पहुँचायी जा सकती है।
अतः उक्त प्रकरण में सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज कराते साईबर सेल के माध्यम से जाँच कराते हुए ऐसे शरारती एवं अवाक्षनीय तत्वों की पहचान करने एवं विधिक कानूनी कार्यवाही कराने का कष्ट करें ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न होने पाये।
वर्तमान में जनपद में सक्रिय मानसून के दृष्टिगत इस प्रकरण पर प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें।
आज प्रातः और दिनों की तरह इंटरमीडिएट तक के सभी विद्यालय खुले तो सही परंतु डीएम के द्वारा दिए गए सूचना पत्र मे आज अवकाश के चलते आनन-फानन में विद्यालयों को बंद कर दिया गया,
पर बाद में मिली जानकारी के अनुसार जिला अधिकारी नैनीताल के नाम पर आज 29 जुलाई को अवकाश का सूचना पत्र किन्ही खुराफातीयों के द्वारा सोशल मीडिया में डाल दिया गया, यह जिला अधिकारी का फर्जी सूचना पत्र था, आनन-फानन में यह फर्जी पत्र आज शुक्रवार की प्रातः सर्कुलेट हुआ, इन आदेशों को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा ना जाँचा गया और ना ही परखा गया वही पत्र में आज शुक्रवार होने के बावजूद भी शनिवार लिखा हुआ था किसी भी अधिकारी की इस पर नजर नहीं पड़ी , तत्काल विद्यालयों को बंद करा दिया गया, बाद में मिली जानकारी से पता चला कि यह पत्र किसी खुराफाती के द्वारा फर्जी डाला गया है ,बहुत बड़ा प्रश्न उठता है कि बिना सत्यता जाने तमाम विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षकों तक यह सूचना कैसे पहुंचाई गई, जल्दबाजी मैं इंटर तक के सभी विद्यालय बंद करा दिए गए हैं, जबकि निजी स्कूल सभी खुले हैं, इस संबंध में जिलाधिकारी धीराज गब्र्याल ने कहा है कि जिस भी व्यक्ति के द्वारा यह हरकत की गई है उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ,मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं ,इस तरीके से अराजक तत्वों के द्वारा भ्रम फैलाए जाने के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, फर्जी सूचना पत्र के चक्कर में विद्यालय के लिए तैयार हुए बच्चों को बेरंग ही वापस लौटना पड़ा ,वहीं उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संगठन ने कहा है कि इस तरह का भ्रम फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ,जहां बच्चों की 1 दिन की पढ़ाई व्यर्थ गई है.