सरकार सर्वे के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न कर रही है, अलग-अलग जीएसटी लगाकर जनता को लूटा जा रहा है – डिम्पल पांडे

2016 में पहले नोटबंदी से इस देश के आम आदमी की कमर तोड़ी गयी। फिर 2017 में जीएसटी लागू करते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा था कि एक देश एक जीएसटी। आज हालात ये हैं कि तमाम छोटी बड़ी ज़रूरी वस्तुओं पर सरकार ने जीएसटी लगा दिया है। इसे गब्बर सिंह टैक्स न कहा जाए तो और क्या कहेंगे।

 समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष डिम्पल पांडे ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। प्रेस को जारी बयान में डिम्पल पांडे ने कहा कि देश सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते धीरे धीरे धरातल में जा रहा है। एक देश एक टैक्स का जब प्रधानमंत्री ने नगाड़ा पीटा था तो देशवासियों को लगा कि अब तमाम तरह के टैक्सेज से आम आदमी को राहत मिलेगी लेकिन आज ये आलम है कि हर चीज़ पर टैक्स लगा दिया गया है। केंद्र सरकार का टैक्स अलग है और राज्य सरकार अलग टैक्स थोप रही है। सर्वे के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। देश में जैसे इंस्पेक्टर राज कायम हो गया है जहां पर मनमानी वसूली की जा रही है। जो व्यापारी वर्ग इस देश की आर्थिकी की रीढ़ है सरकार उसपर चोट कर रही है।
 सपा जिलाध्यक्ष डिम्पल पांडे ने कहा कि जीएसटी की बदौलत आज हर चीज़ महंगी है। सरकार ने दूध दही को भी नहीं बख्शा। आटे पर भी इस देश का नागरिक जीएसटी देकर सरकार को पैसे दे रहा है। उन्होंने सवाल किया कि इतने तरह से टैक्स देने वाले नागरिकों के लिए ये सरकार  क्या सहूलियरसोईत दे रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई आसमान छू रही है।  गैस सिलेंडर आम आदमी की पहुंच से दूर होता जा रहा है और सरकार ढिंढोरा पीट रही है कि उसने उज्ज्वला योजना के तहत करोड़ो लोगों तक सिलेंडर पहुंचाए। जब आदमी की सिलेंडर भराने की ही हैसियत नहीं रहेगी तो इनका क्या अचार डाला जाएगा। डिम्पल पांडे ने कहा कि लोगों का काम धंधा चौपट हो चुका है। सरकारें फ़िज़ूल के मुद्दों पर जनता का ध्यान भटका रही है।

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