14 सालों से श्रवण कुमार का किरदार बखूबी निभाते आ रहे हैं नैनीताल के सन्तोष बिष्ट जो रामलीला में अपनी इस अदाकारी से लोगों का मन मोह लेते हैं
DevbumidigitalNews Uttarakhand Nainital Report News Desk
नैनीताल – श्रवण कुमार अपने माता पिता की श्रद्धापूर्वक सेवा करते थे। एक बार जब उनके माता पिता की इच्छा तीर्थ यात्रा करने की हुई तो श्रवण कुमार उनको कावर बनाकर कंधे में तीर्थ यात्रा करवाने ले गए। वह अयोध्या के समीप पहुंचे तो अंधे माता पिता ने अपने बेटे से पानी मांगा और वह पानी लेने सरयू नदी की तट पर गए। तभी महाराज दशरथ भी वहां शिकार के लिए पहुँच गए। श्रवण कुमार ने जब पानी भरने के लिए अपना बर्तन डुबाया तो राजा दशरथ ने हिरन समझकर श्रवण कुमार पर बाण चला दिया। जिससे वह मृत्यु को प्राप्त हो गए और श्रवण कुमार को बाण लगा देख राजा दशरथ दुखी हो गए।
इसी श्रवण कुमार का बीते 14 सालों से बखूबी किरदार निभाते आ रहे हैं नैनीताल के सन्तोष बिष्ट जो रामलीला में अपनी इस अदाकारी से लोगों का मन मोह लेते हैं। और इस मार्मिक दृश्य को देखने वाले दर्शक अपनी आँखों से आंसू बहने से रोक नहीं पाते। उनका यह किरदार नगर वासियों में काफी चर्चित है और वह नगर में श्रवण कुमार के नाम भी जाने जाते हैं।
संतोष कुमार ने बताया कि जब तक वह जीवित रहेंगे तब तक वह श्रवण कुमार का पाठ खेलते रहेंगे। बताया कि वह असल जीवन में भी अपने माता पिता की निःस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं।