हिमाचल प्रदेश के तर्ज पर उत्तराखंड में तबादला एक्ट लगाया जाएगा, स्वास्थ्य विभाग में लागू होगा एक्ट।
उत्तराखंड राज्य में तबादला एक्ट लगाया जाएगा
यह एक्ट उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग पर लागू किया जाएगा। तबादला एक्ट के तहत जो डॉक्टर 5 साल से मैदानी जिलों के अस्पताल में तैनात है उन्हें पहाड़ों के अस्पतालों में भेजा जाएगा, वही जो डॉक्टर्स पहाड़ी क्षेत्रों के अस्पतालों में कार्यरत हैं उन्हें मैदानी अस्पतालों में तैनात किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में लागू तबादला एक्ट के तहत हर तीन साल में तबादले का प्रावधान है। दरअसल स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हिमाचल प्रदेश के तर्ज पर उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग में तबादला एक्ट बनाने का निर्णय लिया। अफसरों को दिया ड्राफ्ट बनाने के निर्देश, जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। इस बात की जानकारी उन्होंने बीते शुक्रवार को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में टीवी और चेस्ट वार्ड के उद्घाटन के दौरान दी। साथ ही उनका कहना है कि जल्दी ही तबादला एक्ट को प्रावधान मे लिया जाएगा।
जो डॉक्टर अपनी इच्छा से पहाड़ों में रहकर काम करना चाहेगा उन्हें रहने दिया जाएगा। पीएमएचएस के अध्यक्ष डॉ. मनोज वर्मा से मंत्री ने इस संबंध में सूची मांगी है। वही निर्देशालय को भी इस संबंध में निर्देशित कर दिया गया है। स्वास्थ मंत्री डॉ. डीएसआर कहे मुताबिक जल्द ही मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों के लिए ई–लाइब्रेरी खोली जाएगी।
टॉप टेन मेडिकल कॉलेजों व सभी एम्स को इसमें जोड़ा जाएगा। इन लाइब्रेरी मे 3 लाख किताबे जोड़ी जाएंगी और जो छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें 30 लाख रूपये की स्कॉलरशिप भी दी जाएगी। मैस का खाना छात्रों के हिसाब से तह किया जाएगा। साथ ही हर मेडिकल कॉलेज में खेल के मैदान व जिम बनेंगे।
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ का कहना है कि यदि एनपीए बंद हुआ तो प्रदेश के डॉक्टर हड़ताल पर जाएंगे। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने नॉन प्रैक्टिस एलाउंस (एनपीए) को अपने वेतन का हिस्सा बताया। उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ने इसे बंद किया तो प्रदेशभर के डॉक्टर बिना किसी पूर्व सूचना के सीधे हड़ताल पर चले जाएंगे।