पर्वतीय क्षेत्र की 3 लाख महिलाओं को मिलों दूर से ला रहे पशु घास के बोझ से छुटकारा मिलेगा।

DevbhumidigitalNews Uttarakhand dehradun report news desk

देहरादून- पर्वतीय क्षेत्रों में सर पर घास रखकर कई किलोमीटर दूर तक संघर्ष करने वाली महिलाओं के लिए अच्छी खबर है कि मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना में प्रदेश के 11 पर्वती जिले शामिल कर लिए गए हैं, जिससे पहाड़ की 300000 महिलाओं को इस बोझ से छुटकारा मिलेगा।

अब तक 4 जिलों में चल रही योजना का विस्तार कर 11 जिलों को इस योजना के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत पशुओं के लिए साइलेज का वितरण किया जा रहा था। सरकार ने पिछले साल 30 अक्टूबर को मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना की शुरुआत की थी। इसके अंतर्गत 4 जिले पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और चंपावत में 62 बहुद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण समितियों के माध्यम से 75% अनुदान पर पशुओं के लिए साइलेज चारा वितरित किया जा रहा है।

सरकार की इस योजना से महिलाओं को मिनी 4 जिलों में बड़ी राहत मिली, लिहाजा योजना के विस्तार के लिए सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने राज्य के सभी पर्वतीय जिलों को इसमें शामिल करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। मंत्री धन सिंह रावत के मुताबिक अब योजना में 4 जिलों के अलावा पर्वतीय जिलों के साथ-साथ देहरादून व नैनीताल के पर्वतीय विकास खंडों को भी सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि करीब 300000 महिलाएं इन जिलों में प्रतिदिन पशुओं के लिए चारा घास का बोझ धोते हैं। अब उन्हें इस योजना के अंतर्गत गांव में ही पैक्ड़ साइलेज सुरक्षित हरा चारा और संपूर्ण मिश्रित आहार उपलब्ध होगा।

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