दो भाजपा नेताओं के बीच हुआ विवाद, मंडल अध्यक्ष दीपक जोशी और मंडल महामंत्री मनोज बसनायत ने एक दूसरे के खिलाफ दी तहरीर।

बिन्दुखत्ता –  बिन्दुखत्ता भाजपा मंडल महामंत्री की तहरीर पर मंडल अध्यक्ष के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। वही मंडल अध्यक्ष दीपक जोशी ने भी मंडल महामंत्री के खिलाफ आज दोपहर को स्थानीय कोतवाली में
 तहरीर देते हुए जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है।
बिंदुखत्ता के ये दो भाजपा नेताओं के बीच हुआ विवाद फिलहाल थमने के बदले और बढ़ गया है, मंडल महामंत्री मनोज बसनायत ने मंडल अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ गत दिवस लालकुआं कोतवाली में जो तहरीर दी थी उस पर पुलिस ने मारपीट समेत जान से मारने की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दिया है। भाजपा संगठन और क्षेत्रीय विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट द्वारा किए जा रहे तमाम प्रयास अब तक विफल रहे हैं। लगता है मामले का पटाक्षेप करना अब थोड़ा मुश्किल लगने लगा है। क्योंकि जैसे-जैसे घटना की अवधि बढ़ रही है वैसे-वैसे दोनों के बीच रार भी बढ़ती जा रही है। विदित रहे कि मंडल महामंत्री मनोज बसनायत की तहरीर पर पुलिस ने भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ धारा 323, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया है।
उल्लेखनीय है कि बीते दिवस शहीद स्मारक बिंदुखत्ता में स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक जोशी तथा महामंत्री मनोज बसनायत में किसी बात को लेकर कहासुनी के बाद मारपीट हो गई थी। महामंत्री मनोज बसनायत का आरोप है कि दीपक जोशी ने उनके साथ गाली-गलौज करने के साथ साथ मारपीट भी की, उन्होंने अपना मेडिकल करवाने के बाद पुलिस को तहरीर दी। वही मंडल अध्यक्ष दीपक जोशी का कहना था कि मंडल महामंत्री पिछले 2 वर्षों से निष्क्रिय चल रहे हैं, और पूर्व में उन्होंने इस्तीफा भी दे दिया था, अब जब मंडल के चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो ऐसे में वह अपनी सक्रियता बढ़ाने एवं दावेदारी के चक्कर में इस तरह की अभद्रता कर रहे हैं।
दीपक जोशी ने भी स्थानीय कोतवाली में मामले की तहरीर दे दी है, इस तहरीर पर भी अब मुकदमा दर्ज होना तय है। इधर फिलहाल विधायक डॉ मोहन बिष्ट और वरिष्ठ भाजपाइयों द्वारा समझौते के प्रयास किए जा रहे है, लेकिन इन प्रयासों के बीच मंडल महामंत्री द्वारा अपने ही मंडल अध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा लिखाना, और मंडल अध्यक्ष द्वारा मंडल महामंत्री के खिलाफ कोतवाली में तहरीर देना सत्तारूढ़ दल के लिए इन दोनों का विवाद शांत कराना चुनौतीपूर्ण होगा।

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