बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव घोषित व अतिक्रमण की सूची से बाहर करने की मांग को लेकर लोगों का

बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव घोषित करने और अतिक्रमण की सूची से बाहर करने की मांग को लेकर हजारों लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। बुधवार को काररोड स्थित स्कूल परिसर में बिन्दुखत्ता के हजारों लोग एकत्र हुए जिन्होंने बिंदुखट्टा को राजस्व गांव बनाने की मांग की।  राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्थानीय विधायक डॉ मोहन बिष्ट उनके आंदोलन को कुचलने की कोशिश की। लेकिन बिंदुखट्टा की जनता ने यह साबित कर दिया कि वह संघर्ष के बूते राजस्व गांव लेकर रहेंगे। वक्ताओं ने यह भी कहा कि यदि विधायक और राज्य सरकार बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव जल्द से जल्द बनाते हैं तो वह उनका पूरा सम्मान करेंगे लेकिन यदि जनता को बरगलाया गया तो इसका जवाब जनता आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और आगामी विधानसभा चुनाव 2027 में मिलेगा।
बिंदुखट्टा बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक इंद्र सिंह पनेरी ने कहा कि विधायक ने उनके इस जन आंदोलन को कुचलने की पूरी कोशिश की। गांव में लाउडस्पीकर से लोगों में भ्रम डालने का प्रयास किया उन्होंने कहा कि बिंदुखत्ता में सबसे ज्यादा पूर्व सैनिक निवास करते हैं जो सीमा में देश की रक्षा करते हैं, ऐसे में उन लोगों को छला जाना बेहद गलत है यदि विधायक और उनकी सरकार बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाती है तो वह उनको सर आंखों पर बिठाआएंगे, लेकिन अगर गुमराह करेगी है तो सरकार की ईट से ईट बजाने में भी पीछे नहीं हटेंगे।
बिन्दुखत्ता राजस्व गांव बनाए जाने की मांग को लेकर जनता की भीड़ जनसैलाब बनकर तहसील परिसर में पहुंचा।
जहां उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री पूर्व विधायक हरीश चंद्र दुर्गापाल, हरेंद्र बोरा, सन्ध्या डालाकोटी, राजेंद्र खनवल, हरीश बिसौती, सहित कई लोगों ने जनता को संबोधित किया। इस दौरान उप जिला अधिकारी मनीष कुमार ने भी जनता के समक्ष पिछले दिनों सोशल मीडिया में बिन्दुखत्ता को लेकर वायरल हुए पत्र को लेकर स्पष्ट कहा गया उस पत्र की जांच की जा रही है कि किन परिस्थितियों में वह वायरल हुआ है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी स्पष्ट कहा है कि जो पुरानी बसावट हैं उन को नियमित करने के सरकार प्रयास कर रही है तो ऐसे में बिंदुखत्ता को अतिक्रमण कहा जाना गलत है। इस दौरान भारी संख्या में मातृशक्ति, बुजुर्ग, युवा, राजस्व, गांव बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन में सक्रिय रुप से प्रतिभाग करते हुए दिखाई दिए। आंदोलन में आए ज्यादातर लोगों में विधायक द्वारा 1 दिन पूर्व गांव में अनाउंसमेंट करा कर रैली में ना आने की बात कहने पर गुस्सा दिखाई दिया।
इस दौरान प्रदर्शन करने वालों में हरीश चंद्र दुर्गापाल, हरेंद्र बोरा, संध्या डालाकोटी, राजेन्द्र खनवाल, राजेन्द्र दुर्गापाल, भगवान सिंह धामी, प्रभात पाल, मोहन अधिकारी, वीरेंद्र दानू, भुवन जोशी, कैलाश पांडे, बहादुर सिंह जंगी, गोविंद बल्लभ भट्ट, अमित बोरा, गोविंद दानू, कमल दानू, पुष्कर दानू, भुवन पाण्डेय, सहित हजारों लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन हरीश बिसौती व गिरधर बम ने किया, इस दौरान काररोड और 2 किलोमीटर रोड के बाजार भी समर्थन में बंद रहे।

बिंदुखत्ता राजस्व गांव बनाए जाने को लेकर निकाली गई रैली में यह भी चर्चा का विषय रहा कि कई भाजपाई भी इस रैली में दिखाई दिए, जबकि कई खंगाड़ कांग्रेस की रैली से नदारद रहे, रैली के बीच लोगों में यह भी चर्चा का विषय रहा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed