भाजपा प्रवक्ता विकास भगत ने कांग्रेस के प्रस्तावित कमिश्नरी घेराव को मात्र राजनीतिक ढकोसला और कांग्रेस नेतृत्व को दिशा विहीन बताया।
हल्द्वानी :भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विकास भगत ने नेता विपक्ष यशपाल आर्य के खनन को निजी हाथों में देने और किसी को लाभ देने के लिये स्मार्ट मीटर लगाने के आरोपों को हास्यास्पद बताया और कहा कि कांग्रेस से उसके नेताओं की हालत खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे वाली है।
भाजपा प्रवक्ता विकास भगत ने कांग्रेस के प्रस्तावित कमिश्नरी घेराव को मात्र राजनीतिक ढकोसला बताया और कहा कि कांग्रेस नेतृत्व दिशा विहीन है।
भाजपा प्रवक्ता विकास भगत ने कहा कि प्रदेश में कोई भी नया कार्य जनहित मे पुष्कर सिंह धामी सरकार करना चाहती है कांग्रेस बिना कारण समझे उसका विरोध करने पर उतर आती है।
भाजपा प्रवक्ता विकास भगत ने कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं की मानसिकता सिर्फ गलत बयान बाजी कर पुष्कर सिंह धामी सरकार की छवि धूमिल करना है।
भाजपा प्रवक्ता विकास भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूर दृष्टि से उत्तराखंड को वितीय वर्ष 2024-25 में राजस्व अभी तक 500 करोड़ रुपए प्राप्त हो चुका है और मार्च तक 1200 करोड़ रुपए प्राप्त होगा जो की कांग्रेस सरकार मे प्राप्त होने वाले राजस्व से चार गुना अधिक है।
भाजपा प्रवक्ता विकास भगत कहा कि कांग्रेस सरकार और उसके नेताओं के अवैध खनन मे लिप्त होने के कारण राजस्व की प्राप्त नहीं होती थी और कांग्रेस सरकार मे राजस्व कभी भी 300 करोड़ से अधिक प्राप्त नहीं होता था।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विकास भगत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के सीमावर्ती राज्यो की सीमा मे ई माइन चेक गेट की स्थापना कर रही है ताकि अवैध खनन पर रोक लग सके।इन गेटों पर सर्विलांस सिस्टम स्थापित होगा जिस पर एनपीआर कैमरा, जीपीएस और आरएफआईडी की रीडिंग होगी।
भाजपा प्रवक्ता विकास भगत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खनन पट्टो का आवंटन ई नीलामी के माध्यम से करने का प्रावधान किया गया है ताकि खनन पट्टो का आवंटन पारदर्शी तरीके से हो सके।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विकास भगत ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी सरकार का प्राथमिकता आम आदमी को निर्माण सामग्री कम से कम दाम पर उपलब्ध कराने की है।
भाजपा प्रवक्ता विकास भगत ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में सुधार और क्रन्ति हेतु पुष्कर सिंह धामी सरकार प्रतिबद्ध है।
स्मार्ट मीटर लगाने से गलत बिजली बिल से राहत मिलेगी और हर महीने रीडिंग कराने की परेशानी और ब्याज या विलंब शुल्क से मुक्ति मिलेगी। उपभोक्ता घर बैठे मीटर को रिचार्ज कर सकेंगे जिससे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की समस्या भी खत्म होगी वही उपभोक्ता पर भारी बकाया होने की समस्या से मुक्ति मिलेगी और राजस्व मे भी वृद्धि होगी।