डेढ़ माह पूर्व लापता तबरेज आलम फेरीवाले का शव बरामद, तीन अभियुक्त गिरफ्तार, मुख्य आरोप फरार।
नैनीताल जिले के ओखलकांडा से डेढ़ माह पूर्व एक रजाई गद्दे की फेरी लगाने वाला युवक तबरेज आलम लापता हो गया था। जो बिहार के चंपारण निवासी है, जांच-पड़ताल में पता चला कि उसकी हत्या हो गई है, युवक की हत्या उसके साथी ने कर दी आरोपी संतू बैठा ने गांव के तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर उसे गड्ढे में दबा दिया था।
देर रात राजस्व पुलिस ने गड्ढे से शव बरामद कर लिया है। शव को ठिकाने लगाने में शामिल गांव की दो महिलाओं समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य आरोपी अभी भी फरार चल रहा है। फिलहाल हत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। बता दें कि घटना तल्ला कांडा से 29 अक्टूबर की है। जहां बिहार के चंपारण निवासी शोएब आलम ने अपने भाई तबरेज आलम के गायब होने की सूचना दी थी।
शोएब ने तहरीर देते हुए बताया था कि उसका भाई तबरेज चंपारण निवासी संतू बैठा के साथ रूई एवं रजाई-गद्दे बनवाने का कार्य करता था। जिसके बाद राजस्व पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। इस मामले में नैनीताल के कचिलाकोट की जसोदा देवी और उनके पति महेश सिंह से पूछताछ की गई।
दोनों ने बताया कि उन्होंने देवकी देवी के साथ मिल कर तबरेज के शव को जमीन में गड्ढा खोदकर दबा दिया था। दोनों ने बताया कि तबरेज की हत्या उसके साथी संतू बैठा ने की थी। राजस्व पुलिस ने जसोदा देवी उसके पति महेश सिंह और देवकी देवी की निशानदेही पर शव को बरामद कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। हत्या का मुख्य आरोपी बिहार का चंपारण निवासी संतू बैठा फरार है। उसके नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही है।
उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि तरबेज की हत्या क्यों की गई, इसका कारण अभी तक सामने नहीं आया है।