महिला ने जंगल में दिया बच्चे को जन्म, सड़क के अभाव में गर्भवती महिला को कुर्सी से बांधकर ले जा रहे थे अस्पताल

नैनीताल  – जिन मूलभूत सुविधाओं के लिए अलग राज्य बनाया गया था, अलग राज्य  तो बन गया, उत्तराखंड राज्य बने 22 साल बीत गए लेकिन आज भी पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कों का अभाव जस की तस ही है, पहाड़ के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं सड़क, पानी, स्वास्थ्य के अभाव में जी रहे हैं, मूलभूत सुविधाओं की कमी आज भी यहां के लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। नैनीताल शहर से चंद किलोमीटर दूर एक गर्भवती को कुर्सी में बांधकर अस्पताल ले जाते समय महिला ने बच्चे को जंगल में ही जन्म दे दिया। महिला को सड़क तक पहुंचाकर एम्ब्युलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया।
दिल्ली से नैनीताल को जोड़ने वाले एन.एच.87 में ज्यूलिकोट भुजीयाघाट से लगभग 5 किलोमीटर दूर पैदल मार्ग में बलूटी गांव बसा है, यहां सड़क नहीं होने के कारण आवागमन के साथ साथ काफी समस्याएं हैं। बुधवार शाम यहां एक गर्भवती महिला को अचानक दर्द उठने के बाद ग्रामीण उसे कुर्सी में बांधकर रोड तक ला रहे थे की अचानक महिला ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। महिला को जैसे तैसे सड़क पर खड़ी एम्ब्युलेंस तक लाया गया।
जंगल के बीच इस घटना ने आजाद हिंदुस्तान में हो रहे विकास पर कई सवाल खड़े कर दिए। जंगल के बीचों बीच हुई इस डिलीवरी से महिला और बच्चे को जान का खतरा था।

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