आखिरकार क्यों मान रहे हैं रामगढ़ के लोग उद्यान विभाग की जमीन को सिडकुल को देना मतलब आपदा को निमंत्र
रामगढ़ के लोगों का कहना है कि पिछली आपदा में रामगढ़ के हालात बहुत ज्यादा खराब थें क्योंकि उत्तराखंड के नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा आपदा ने रामगढ़ पर कहर बरपाया था आपदा की वजह से कई घर मकान तबाह हो गए थे और कई लोगों की मौत हो गई थी ।
भीमताल विधानसभा के रामगढ़ ब्लॉक में इस वक्त पिछले लंबे समय से आंदोलन चल रहा है आंदोलन का मुख्य कारण वहां की उद्यान विभाग की भूमि को सिडकुल के नाम पर देने का ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं वह भी उद्योगपतियों को दे दी गई है, रामगढ़ राजकीय उद्यान की भूमि सिडकुल, होटल, वेलनेस सेंटर, के नाम पर बड़े उद्योगपतियों को निशुल्क दी जा रही है ऐसा वहां के ग्रामीण लोगों का कहना है।
जिसके विरोध में उद्यान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा 4/2/2023 से लगातार उद्यान भूमि में ही टेंट लगा कर धरना प्रदर्शन कर रहे है। रविवार को धरने ने उग्र रूप लेते हुए समिति व ग्रामीणों द्वारा मशाल जुलूस निकाल कर अपना विरोध जताया। और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द से जल्द 4.4 एकड़ भूमि जो सिडकुल की आड़ के बड़े उद्योगपतियों को दिया जाना राज्य सरकार का गलत निर्णय है इस निर्णय को राज्य सरकार तत्काल वापस ले नही तो जल्द ही नैनीताल जिला मुख्यालय के बाहर स्थानीय लोग प्रदर्शन करने पर मजबूर हो जाएंगे।
ग्रामीणों ने कहा रामगढ़ एक फल पट्टी के नाम से मशहूर है, यहां उद्यान भूमि में ही बागवानी के लिए नये पौधे, नर्सरी, स्थानीय किसानों को आसानी से उपलब्ध होती आ रही है, यहां के किसानों का कहना है की इसमें जिस तरह से खेती चली आ रही है वह उन्नत किस्म के सेब और आडू के पेड़ जो की किसान हिमाचल व आदि जगह से काफी उच्च दरो में खरीद कर यहां ला रहे है। उसका उत्पादन इसी उद्यान भूमि में किया जाना चाइए। जिससे यहां के किसानों को उच्चित मूल्य में यही नर्सरी से प्राप्त हो जाए।
इसके आलावा यहां के किसान और ग्राम वासी, उद्यान भूमि के किसी भी प्रकार का निमार्ण कार्य होने के सख्त खिलाफ है। क्योंकि उद्यान भूमि के ठीक नीचे आपदा प्रभावित क्षेत्र है । पिछली आपदा में काफी लोगों की जाने जा चुकी है। आज भी बरसात के लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हो जाते है।
इस आंदोलन के दौरान ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख प्रदीप ढैला,अभय पांडे व्यापर मांडल अध्यक्ष, नवाब हुसैन युवा कांग्रेस उत्तराखण्ड, पृथ्वी राज सिंह, पंकज भट्ट, मनोज हरनवाल, चेतन दरम्वाल, रविं हरनवाल, सौरव कुमार, देवेंद्र मेर, भुवन दरम्वाल सरपंच, संतोष हरनवाल, निर्भय हरनवाल, दीपक हरनवाल सहित दर्जनों स्थानीय लोग और किसान, व्यापारी मौजूद रहे।